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हिंद प्रशांत क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ाएगा US, जानिए ऐसा क्यों बोले अमेरिकी विदेश मंत्री

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हिंद प्रशांत क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ाएगा US, जानिए ऐसा क्यों बोले अमेरिकी विदेश मंत्री

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US News: अमेरिका ने हिंद प्रशांत क्षेत्र (Indo Pacific Region) में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन से मुकाबले के लिए अपने भागीदारों के साथ रक्षा और खुफिया कार्य को बढ़ावा देने की पेशकश की है. हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन आक्रामक रवैये और कार्यों को लेकर एंटनी ब्लिंकन ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि एशियाई संधि गठबंधनों को और मजबूत किया जाएगा.

हिंद प्रशांत क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ाएगा अमेरिका

विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका जापान, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और फिलीपींस जैसे सहयोगियों के साथ संबंधों को और मजबूत करेगा. इंडो-पैसिफिक भागीदारों के साथ रक्षा, साइबर और खुफिया क्षमताओं को बढ़ावा देगा. हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा कि यह अमेरिका-केंद्रित या चीन-केंद्रित क्षेत्र के बीच की प्रतियोगिता नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि वाशिंगटन म्यांमार में हिंसा को समाप्त करने और एक समावेशी लोकतंत्र की ओर लौटने के लिए दबाव डालने के लिए प्रतिबद्ध है.

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मलेशिया थाईलैंड का दौरा करेंगे ब्लिंकन

अमेरिका विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इस हफ्ते मलेशिया और थाईलैंड का भी दौरा करेंगे. उन्होंने कहा राष्ट्रपति जो बाइडेन क्षेत्र में शांति और विकास को बढ़ावा देने के पक्षधर हैं. ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका सप्लाई चेन को मजबूत करने, बंदरगाहों और सड़कों से लेकर पावर ग्रिड और इंटरनेट तक क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के अंतराल को पाटने के लिए काम करेगा. जनवरी में राष्ट्रपति जो बाइडेन के पदभार ग्रहण करने के बाद ब्लिंकन दक्षिण पूर्व एशिया की अपनी पहली यात्रा करने जा रहे हैं

चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता रहा है. अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने कहा था कि चीन के इस दावे का कोई कानूनी आधार नहीं है, बावजूद इसके चीन इस क्षेत्र में अपना दबदबा बरकरार रखना चाहता है. चीन ने अमेरिकी रुख को एक बाहरी शक्ति के हस्तक्षेप के रूप में खारिज कर दिया है जो एशिया की स्थिरता के लिए खतरा हो सकता है. अमेरिकी विदेश मंत्री की टिप्पणी पर चीन के विदेश मंत्रालय ने तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है.

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